निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ से भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए-

आकर्षक- गुलाब का फूल बहुत आकर्षक लगता है।


यथार्थ- कल्पना नहीं यथार्थ को महत्त्व देना चाहिए|


तटस्थता- तटस्थ नेताओं की वजह से देश भ्रष्ट हो गया है।


कलाभिज्ञ- कलाभिज्ञ लोग अपनी कला के प्रति बहुत ईमानदार रहते हैं।


पदचिन्ह- बड़ों के पदचिन्हों पर चलने से सही मंजिल पर पहुंच सकते हैं।


अंकित- दीवारों पर अंकित भाषा सालों पुरानी मालूम होती है।


तृप्ति- मन पसंद खाना खाने से तृप्ति मिल जाती है।


जागृत- स्वच्छता के लिए लोगों को जागृत करना जरूरी है।


घृणास्पद- घृणास्पद काम करने वालों को प्यार से समझाओ तो वो समझ सकते हैं।


युक्तिशून्य- दुनिया में युक्तिशून्य बातें करने वालों की कमी नहीं है।


वृत्ति- अच्छी वृत्ति वाले लोग इस कलयुगी दुनिया में खत्म हो गए हैं।


सनातन- सनातन व्यक्ति की बातों में हमेशा ज्ञान झलकता है।


लुप्त- धीरे-धीरे शेर लुप्त होते जा रहे हैं।


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